Adiba Anam के पिता एक ऑटोरिक्शा चालक हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई को प्राथमिकता दी।

यवतमाल में आर्थिक मुश्किलों के बीच, Adiba के माता-पिता ने हर बाधा पार कर उनकी शिक्षा के लिए हौसला और संसाधन जुटाए।

Adiba ने गणित में ग्रेजुएशन किया और स्कूल में हमेशा अच्छे नंबर लाईं। इसके बाद वे UPSC की तैयारी के लिए पुणे चली गईं।

पहले दो UPSC प्रयासों में Adiba असफल रहीं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। तीसरे प्रयास में उन्होंने 142वां रैंक हासिल किया।

Adiba अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को देती हैं, जिन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद उनकी पढ़ाई का ख्याल रखा।

IAS अधिकारी बनने के बाद, Adiba गरीब और खासकर वंचित लड़कियों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

IAS अधिकारी बनने के बाद, Adiba गरीब और खासकर वंचित लड़कियों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Adiba की कहानी मेहनत और दृढ़ता की मिसाल है, जो लाखों लोगों को अपने सपने पूरे करने की प्रेरणा देती है।

Adiba की कहानी मेहनत और दृढ़ता की मिसाल है, जो लाखों लोगों को अपने सपने पूरे करने की प्रेरणा देती है।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री माणिकराव ठाकरे और यवतमाल पुलिस ने Adiba की उपलब्धि की तारीफ की।

Adiba Anam का ऑटो ड्राइवर की बेटी से IAS अधिकारी तक का सफर साबित करता है कि मेहनत से कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।